सुराजी गाँव योजना छतीसगढ़ (Suraji Gaon Yojana Chhattisgarh in hindi) [Eligibility]
छत्तीसगढ़ में आवारा पशुओं की बढती समस्या को नियंत्रित करने केलिए एक नयी योजना शुरू की गयी हैं जिसका नाम सुराजी गाँव योजना हैं. ये योजना केवल पशुओं के लिए ही नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती और पशुओं के प्रजनन को बढाने में बहुत लाभकारी सिद्ध होने वाली हैं. योजना के बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा हैं कि ये कोई नया प्रयोग नहीं हैं, ये छतीसगढ़ की परम्परा में शामिल रहा हैं, जिसे वर्तमान में उपयोगी बनाना आवश्यक हैं.
नाम | सुराजी गाँव योजना |
लांच | छतीसगढ़ में |
घोषणा | मुख्यमंत्री भूपेश बाघेल ने |
उद्देश्य | ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना |
वार्षिक बजट में सुराजी गाँव योजना
ग्रामीणों के विकास और उन्नत जीवन यापन के लिए मुख्यमंत्री ने सुराजी गाँव योजना की घोषणा की, जिससे गाँवों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. बजट के अनुसार बायोगैस प्लांट के ऑपरेशन, मेंटेनेंस और निर्माण लिए प्रत्येक गाँव से 10 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी और इस ट्रेनिंग के बाद 12 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा.
सुराजी गाँव योजना की विशेषताएं (Features of the scheme)
- इस योजना के अंतर्गत चारागाह की जमीन को सुरक्षित और व्यवस्थित रखा जाएगा. मध्य प्रदेश के पास पड़ने वाले 2-3 गाँवों में गौथान बनाने के साथ ही छत्तीसगढ़ के हर गाँव में गौथान और गायों के लिए छायायुक्त स्थान बनाया जाएगा.
- राज्य में अभी 96 रजिस्टर्ड और 35 गैर-पंजीकृत रजिस्टर्ड गौशाल कार्यरत हैं और प्रत्येक पंजीकृत गौशाला को प्रत्येक पशु पर 25 रूपये दिए जाते हैं.
- सड़कों पर आवारा घुमने वाले पशुओं को दुर्घटना से बचाने के लिए गौथान (गायों के लिए शेल्टर्स) और चारागाह बनाना आवश्यक हैं. इन नवनिर्मित गौथान में पीने का पानी और छाया उपलब्ध हैं, जिससे आवारा पशुओं ने इसमें शरण लेना शुरू कर दिया हैं.
- कमर्शियल तरीके को अपनाते हुए इस योजना के अंतर्गत पशुओं के संरक्षण, खाद के उत्पादन, चारागाह के प्रबंधन जैसे कार्य रोजगार के अवसर पैदा करेंगे, जिससे राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी.
- सौर सुजला योजना के अंतर्गत भी 20 प्रतिशत गौथान को आरक्षित रखा जाएगा. बायो गैस प्लांट के कार्य को भी जल्दी पूरा किया जाएगा, जिससे गौथान से गाय के गोबर का उपयोग हो सके, साथ ही कम्पोस्ट फ़र्टिलाइज़र का सर्टिफिकेशन और मार्केटिंग स्टैण्डर्ड में भी सुधार किया जाएगा.
- राज्य में 1866 जगह गौथान के लिए चिन्हित की गयी हैं जिनमें 260 जगहों पर कार्य शुरू हो चूका हैं. सरकार का मानना हैं कि गौथान एक धार्मिक कार्य नहीं हैं बल्कि आर्थिक गतिविधि हैं. गौथान के निर्माण के लिए भूमि का चयन सबसे महत्वपूर्ण काम हैं, इसलिए मुख्यमंत्री ने गौथान के लिए निर्विवादित और उपयुक्त भूमि चुनने का आदेश दिया.
योजना के लिए योग्यता (Eligibility Criteria)
- जिन गौशाला को ग्रांट चाहिए उनके पास आधे एकड़ की जमीन और 50 आवारा पशु होने चाहिए और अधिकतम 20 लाख तक ग्रांट दिया जायेगा.
- 13-12-2005 तक जो लोग जंगलों में या जंगल की भूमि पर तीन पीढ़ियों मतलब 75 वर्षों से रह रहे हैं उन्हें फ़ोरेस्ट राईट सर्टिफिकेट एक्ट के तहत फ़ोरेस्ट राईट लेटर दिया जाएगा. पहले ख़ारिज (रिजेक्ट) की गयी एप्लीकेशन पर भी अब ध्यान दिया जाएगा, जंगल के भूमि के पट्टों के मामलों को भी सुलझाया जाएगा. सभी ग्रामीण क्षेत्रों में अगले वर्ष तक नल के द्वारा पानी सप्लाई किया जाएगा और टेंकर के द्वारा पानी सप्लाई नहीं होगा.
- सरकार द्वारा गौशाला का निरीक्षण किया जाएगा और पशुओं की संख्या के अनुसार ही ग्रांट दिया जाएगा.
हालांकि इस योजना को लक्ष्य तक पहुँचाना आसान नहीं हैं क्योंकि राज्य सरकार ने 1600 गाँवों को सुराजी योजना के अंतर्गत लेना का निर्णय किया हैं, ऐसी स्थिति में अगले पांच वर्षों में राज्य के 21000 गांवों को योजना में शामिल करना मुश्किल होगा लेकिन यदी ये योजना सफल होती हैं तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार ला सकती हैं, एक बार इसके सफल होने पर ये अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन सकती हैं.
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